यह पत्र लोक शिक्षक मंच द्वारा स्कूलों में दाखिले से संबंधित आ रही समस्याओं पर शिक्षा मंत्री,दिल्ली सरकार को भेजा गया
प्रति,
शिक्षा मंत्री
दिल्ली सरकार, दिल्ली
विषय : 2017-18 सत्र में दाखिले से संबंधित समस्याएं
आदरणीय महोदय,
लोक शिक्षक मंच दिल्ली सरकार के स्कूलों में दाखिले से संबंधित आ रही समस्याओं
पर आपका ध्यान खींचना चाहता है –
1. 2017-18 में पहली बार दाखिले ऑनलाइन किये गए हैं | अध्यापकगण एवं अभिभावकों
को यह स्पष्ट नहीं है कि इस कदम के पीछे क्या कारण या तर्क हैं| जब हम यह जानते
हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अधिकांश विद्यार्थी ऐसी पृष्ठभूमियों से आते
हैं जिनके पास कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है तो उन पर ऑनलाइन फॉर्म भरने की
शर्त थोपना कहाँ तक उचित है ?
सच्चाई यह है कि एक-एक फॉर्म भरने के लिए अभिभावक इन्टरनेट कैफ़े में 200-300
रुपये देने पर मजबूर हैं | शिक्षा अधिकार अधिनियम, जो मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की
गारंटी देने की बात करता है, के इस उल्लंघन की जवाबदेही किसकी है? वैसे भी हम
शिक्षक सालभर हर दिन कंप्यूटर की सेवा करने में लगे रहते हैं तो दाखिले को डिजिटल
करना इतना आवश्यक क्यों था?
इस दौरान हमारा अनुभव रहा कि दाखिले की परेशानियों को लेकर बहुत से अभिभावकों
ने खीझकर यह तक कह डाला कि वे अपने बच्चों (विशेषकर लड़कियों को) आगे नहीं पढ़ाएंगे |
क्या बच्चों को स्कूलों से पुश-आउट करना नहीं है? एक तरफ सरकारी स्कूलों में
नामांकन घट रहा है, शिक्षक-पद कम होते जा रहे हैं और दूसरी तरफ ऐसी नीतियां
अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं | अगर ऑनलाइन दाखिले इतने ही आवश्यक थे तो
स्कूलों में ऑनलाइन फॉर्म भरने के उचित प्रबंध क्यों नहीं किए गए? जिस देश में आज
भी कंप्यूटर अधिकांश लोगों की पहुँच में नहीं है, उस देश में डिजिटल इंडिया थोपना
गैर-लोकतांत्रिक है |
2. ऑनलाइन फॉर्म भरने में कई तकनीकी समस्याएं भी आ रही हैं –
·
अगर फॉर्म में जन्मतिथि गलत भरी गई तो बच्चे को आयु-अनुसार
दाखिला नहीं मिल पा रहा है | यह स्पष्ट नहीं है कि इसके लिए सुधार कब और कैसे होगा?
इस पूरी प्रक्रिया में बच्चों समय बर्बाद हो रहा है |
·
फॉर्म भरते समय अभिभावकों को पड़ोस के 5 स्कूलों के नाम नहीं
पता होने पर दूर के स्कूलों के नाम भरवा दिए गए | अब वे अपने बच्चों को इतनी दूर
दाखिला दिलवाने की स्थिति में नहीं हैं |
·
KG एवं कक्षा I के फॉर्म में आधार कार्ड तथा बैंक अकाउंट
detail अनिवार्यत: मांगने का क्या औचित्य था? क्या इससे अभिभावकों पर अनुचित दबाव
नहीं बना होगा ? बैंक अकाउंट वजीफे के लिए आवश्यक है लेकिन दिल्ली सरकार के
स्कूलों में आधार एवं बैंक अकाउंट को ऐसा बना दिया गया है जैसे कि इनके बिना बच्चे
पढ़ ही नहीं सकते |
·
जब अभिभावक बैंक अकाउंट बनवाने जा रहे थे तो कभी पैन कार्ड
और कभी प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर मांगे जा रहे थे | ख़ास तौर पर इलेक्शन ड्यूटी के
दौर में प्रधानाचार्यों की उपलब्धतता ना हो पाना भी परेशानी का कारण बना |
3. जो अभिभावक किसी भी कारणवश 31 मार्च तक KG और कक्षा I के फॉर्म नहीं भर पाए
थे, उनके लिए कोई विकल्प नहीं बचा? पिछले 1.5 महीने में उनकी परेशानी कम करने के
लिए कोई निश्चित निर्देश क्यों नहीं दिए गए ?
4. कक्षा VI व IX में NON PLAN एडमिशन के लिंक 17 अप्रैल 2017 से खुलने थे
लेकिन नहीं खुले| फिर 19 अप्रैल से खुलने के निर्देश आए | इससे स्पष्ट है कि विभाग
की पहले से तैयारी नहीं थी | इसके अलावा इन बच्चों की करीब एक महीने की पढ़ाई के नुकसान
के लिए कौन ज़िम्मेदार है ?
5. ट्रांसफर का विकल्प अप्रैल महीने के शुरू में ही खुल जाना चाहिए ताकि ना
अभिभावकों को परेशानी हो और ना स्कूलों को अपनी सीटें खाली रह जाने का डर हो | यह
लिंक केवल 2-3 दिनों के लिए ही खुला था| इस बीच जिन बच्चों का ट्रान्सफर हुआ भी
है, उनकी ऑनलाइन entry नहीं हो पा रही है, जिसके कारण उनके दाखिला निश्चित नहीं हुआ है |
इस पूरी प्रक्रिया में अभिभावक और शिक्षक जिस मानसिक उत्पीड़न और आपसी टकराव से
गुज़र रहे हैं, उसे व्यक्त कर पाना मुश्किल है | बच्चों के दाखिले के लिए माता-पिता
को अपनी कितने ही दिनों की दिहाड़ी छोड़नी पड़ी है | इसकी भरपाई कौन करेगा? हमें डर
है कि ऐसी शर्तें थोपने से बहुत से बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों से बाहर रह
जायेंगे और संभवत: स्कूल ही नहीं जा पाएंगे |
यह स्पष्ट है कि शिक्षा पाना सरल नहीं जटिल होता जा रहा है , कंप्यूटर
शिक्षकों की नहीं, हम शिक्षक कंप्यूटर की सेवा में कार्यरत हैं, सरकारी स्कूल
पढ़ाने के नहीं आंकड़ों को इकट्ठा करने के यंत्र बनते जा रहे हैं | यह स्पष्ट है कि
सत्ताधारी भारत कमज़ोर वर्गों पर अपनी नीतियाँ थोप रहा है | उम्मीद है कि आप
अभिभावक और शिक्षकों की इन परेशानियों के समाधान के लिए उचित कदम उठाएंगे |
हमारी मांगें –
1.
दाखिले की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए | ऑनलाइन दाखिले की
शर्त को ख़त्म किया जाए |
2.
कक्षा KG, I, VI, IX के जिन बच्चों ने ऑनलाइन फॉर्म नहीं
भरे हैं या नहीं भर पाए हैं, उनके लिए स्कूलों को निर्देश दिए जाएं कि ऐसे बच्चों
को ऑफलाइन दाखिले दिए जाएं |
3.
स्कूलों को निर्देश दिए जाएं कि किसी भी बच्चे को ऑनलाइन
फॉर्म या दस्तावेज़ ना होने के कारण वापस ना भेजा जाए | दाखिला लेने के इच्छुक
प्रत्येक बच्चे को तुरंत दाखिला दिया जाए |
4.
ट्रान्सफर लिंक को तुरंत खोला जाए | इस लिंक को अप्रैल के
शुरू में ही खोल दिया जाना चाहिए |
5.
कक्षा VI-VIII के Non-Plan दाखिलों को स्कूल के स्तर पर ही
रहने दिया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई का समय बर्बाद ना हो |
6.
शिक्षा अधिकार कानून का पालन करते हुए दाखिले की अंतिम
तारीख की शर्त हटाई जाए |
7.
स्कूलों को आंकड़े इकट्ठा करने का यंत्र ना बनाया जाए |
शिक्षा पाना सरल नहीं जटिल बनाया जा रहा है | शिक्षकों को कंप्यूटर की सेवा में
कार्यरत करना बंद किया जाए |
सधन्यवाद
संयोजक समिति सदस्य संयोजक समिति सदस्य
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