Tuesday, 17 August 2021

पत्र: दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रवेश फ़ॉर्म एवं एडु-डेल में नामाँकन प्रारूप में लैंगिक अन्याय व अन्य विसंगतियों को दूर करने हेतु।

 प्रति 

      शिक्षा मंत्री 
      दिल्ली सरकार 

विषय: दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रवेश फ़ॉर्म एवं एडु-डेल में नामाँकन प्रारूप में लैंगिक अन्याय व अन्य विसंगतियों को दूर करने हेतु 

महोदय,
           लोक शिक्षक मंच आपके संज्ञान में दिल्ली सरकार के प्रवेश फ़ॉर्म एवं एडु-डेल में ऑनलाइन नामाँकन प्रारूप में मौजूद लैंगिक रूप से आपत्तिजनक बिंदुओं को लाना चाहता है। लगभग एक माह पूर्व शिक्षा निदेशक महोदय ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों आदि को एक निर्देश (संख्या PS/DE/2021/129, दिनाँकित 28/06/2021) जारी किया था जिसमें उन्होंने प्रवेश लेना चाह रहे किसी भी विद्यार्थी के आवेदन को इस बिना पर अस्वीकार करने के लिए मना किया था कि उसके आवेदन में माता-पिता में से एक का नाम दर्ज नहीं है। ये स्वागतयोग्य आदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा एक केस के हालिया फ़ैसले के संदर्भ में जारी किया गया था। महोदय, इस आदेश पर आपकी सार्वजनिक प्रतिक्रिया ने भी सभी न्यायप्रेमी लोगों को उत्साहित किया था। 
                 तथापि हमें बेहद अफ़सोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि न सिर्फ़ शिक्षा निदेशालय द्वारा नॉन-प्लान दाख़िलों के लिए बनाए गए ऑनलाइन फ़ॉर्म में आवेदक बच्चे/बच्ची के पिता के नाम को पूर्व की तरह अनिवार्य रखा गया है, बल्कि प्रवेश पा चुके विद्यार्थियों के एडु-डेल में ऑनलाइन नामाँकन प्रारूप में भी यही अन्यायपूर्ण स्थिति बरक़रार है। इस कारण अपने बच्चे-बच्ची को स्कूल में दाख़िल करवाने की इच्छुक उन महिलाओं को मानसिक पीड़ा से ग़ुज़रना पड़ रहा है जो विभिन्न निजी कारणों से बच्चे/बच्ची के जैविक पिता का नाम उनके दस्तावेज़ों में दर्ज करना नहीं चाहती हैं या नहीं कर सकती हैं। स्कूलों में रोज़ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनके संदर्भ में चाह कर और विभागीय/न्यायालयी निर्देश होते हुए भी शिक्षक एकल महिलाओं व उनकी संतान के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं, एडु-डेल के ऑनलाइन नामाँकन प्रारूप में विद्यार्थी की माता की कार्य भूमिका को पिता के समान नहीं आँका गया है - तथ्यों और न्याय से परे जाकर माता के काम में 'दैनिक/दिहाड़ी मज़दूरी' का विकल्प ही नहीं दिया गया है! प्रारूप में 'परिवार के मुखिया' की संकल्पना भी लैंगिक रूप से एक रूढ़िबद्ध विचार पर आधारित है। 
                     इन लैंगिक विसंगतियों के अलावा एडु-डेल के ऑनलाइन प्रारूप में परिवार के आर्थिक हालातों की सच्चाई को दर्ज करने की गुंजाइश भी नहीं है। उदाहरण के लिए, ऐसे में जबकि कई परिवारों में कमाई करने वाले सदस्य ख़ुद को बेरोज़गार घोषित कर रहे हैं और परिवार को किसी अन्य (भाई/बहन/माता-पिता आदि) पर निर्भर बता रहे हैं, एडु-डेल परिवार की आय दर्ज करने के लिए न्यूनतम कमाई के झूठे विकल्प को चुनने को बाध्य करता है। इसमें इस सच्चाई को दर्ज करने का विकल्प ही नहीं है कि परिवार के कमाने वाले सदस्य 'बेरोज़गार' या 'दूसरों पर निर्भर' हैं। जबकि हम जानते हैं कि कोरोना-लॉकडाउन के संदर्भ में तो असंख्य परिवार इस आर्थिक संकट की चपेट में आए हैं। 
दाख़िला फ़ॉर्म में बच्चे की जातिगत पृष्ठभूमि दर्ज करने का कॉलम अलग होना चाहिए और जाति प्रमाण-पत्र है या नहीं इसका कॉलम अलग होना चाहिए। अन्यथा हमारे स्कूलों में SC/ST/OBC पृष्ठभूमियों से आने वाले बच्चों की संख्या का सही अनुपात सामने नहीं आएगा। नियमों के अनुसार चिन्हित वज़ीफ़ों या अन्य लाभों/हक़ों के लिए विद्यार्थी को जाति-प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है, लेकिन दाख़िला फ़ॉर्म में बच्चों की स्व-घोषित जातिगत पृष्ठभूमि को दर्ज न करके हम उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। विद्यार्थियों की जातिगत पृष्ठभूमियों पर पड़ा दस्तावेज़ों व प्रशासनिक प्रक्रियाओं का यह पर्दा सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों से आने वाले बच्चों की सही संख्या को कभी सामने नहीं आने देगा।
चाहे वो प्रवेश के फ़ॉर्म हों या एडु-डेल का ऑनलाइन प्रारूप, इस तरह के कॉलम न सिर्फ़ झूठ का ताना-बाना बुनते हैं, बल्कि शिक्षकों को झूठा बनाते हैं और विद्यार्थियों व उनके माता-पिता अथवा परिवारों के साथ घोर नाइंसाफ़ी बरतते हैं। शिक्षा व स्कूलों की व्यवस्था में झूठ और अन्याय का इस तरह स्थापित होना दुःखद एवं विडंबनापूर्ण है। कहना न होगा, प्रशासन का असंवेदनशील व ग़ैर-तथ्यात्मक रवैया डिजिटल-ऑनलाइन माध्यम में सच्चाई को दर्ज करने को और दूभर बना देता है। 
हम माँग करते हैं कि प्रवेश से लेकर एडु-डेल में नामाँकन के स्तर तक तमाम फ़ॉर्म्स व प्रारूपों की एक संवेदनशील व न्यायसंगत जाँच करके उनमें मौजूद महिला-विरोधी तथा ग़ैर-तथ्यात्मक तत्वों को जल्द-से-जल्द दूर किया जाए।        

सधन्यवाद 
लोक शिक्षक मंच 

प्रतिलिपि 
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग 
दिल्ली महिला आयोग 

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