Friday, 24 February 2023

दिल्ली के सरकारी स्कूलों की फैक्टशीट

 लोक शिक्षक मंच दिल्ली की सार्वजनिक स्कूली व्यवस्था के प्रमुख हिस्से से जुड़े कुछ आँकड़े प्रस्तुत कर रहा है। विडंबना है कि एक तरफ़ सत्ता लोगों की तमाम निजी जानकारी ही नहीं, बल्कि हमारे पल-पल पर नज़र रखती है, वहीं दूसरी तरफ़ सार्वजनिक तंत्र व उसके संसाधनों के बारे में न्यूनतम जानकारी भी छुपाई-दबाई जाती है। यहाँ तक कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को कमज़ोर किया जा रहा है और उसके तहत तय किए गए 'पारदर्शिता' के मानकों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि ये आँकड़े दिल्ली की सार्वजनिक स्कूली शिक्षा की तस्वीर के कुछ हिस्से पर रौशनी डालने और सवाल खड़ा करने में मदद करेंगे। लेकिन हमारी माँग है कि दिल्ली शिक्षा विभाग और एमसीडी विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करे ताकि स्वतंत्र और सटीक डाटा के आधार पर सरकारों को जवाबदेह बनाया जा सके।

नीचे दिए गए आँकड़ों के लिए निम्नलिखित स्रोत इस्तेमाल किए गए हैं -
- Praja.org द्वारा जारी रिपोर्ट, State of Public (School) Education in Delhi, November 2022 
- Delhi Outcome Budget 2022-23, Planning Department, GNCT of Delhi
- लोक शिक्षक मंच द्वारा वज़ीफ़ा संबंधी RTIs से मिली जानकारी
- UDISE रिपोर्ट 2021-22

दिल्ली के स्कूली विद्यार्थियों की फैक्टशीट
कक्षा V तक के स्कूलों में - 56% बच्चे सरकारी व 43.9% बच्चे निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं।
कक्षा VIII तक के स्कूलों में - 60.6% बच्चे सरकारी व 39.3% बच्चे निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं।
कक्षा X तक के स्कूलों में - 67% बच्चे सरकारी व 32.5% बच्चे निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं।
कक्षा XII तक के स्कूलों में - 67.5% बच्चे सरकारी व 32.4% बच्चे निजी विद्यालयों में पढ़ते हैं।
(यहाँ सरकारी विद्यालयों में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूल शामिल हैं व निजी विद्यालयों में सहायता प्राप्त व गैर सहायता प्राप्त दोनों स्कूल शामिल हैं; हालांकि गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की संख्या बहुत कम है)

दिल्ली शिक्षा विभाग के विद्यालयों की फैक्टशीट 
कितने स्कूल, कितने छात्र?
2021-22 में कुल विद्यालयों की संख्या 1,047 और कुल विद्यार्थियों की संख्या ~17,62,000 थी। पिछले 4 सालों में कुल छात्रों की संख्या 19% बढ़ी (2.8 लाख) जिसके पीछे कोविड व घरबन्दी से उपजा आर्थिक संकट बड़ा कारण था।
कितने नए स्कूलों का निर्माण?
दिल्ली शिक्षा बजट रिपोर्ट में पिछले दो सालों में ~25,000 नए कमरे बनाने और 40 नई बनाई इमारतों को फंक्शनल किए जाने का दावा है। विभाग यह सार्वजनिक करे कि पिछले 7 सालों में कितने विद्यालय वाकई नए बनाए गए हैं और कितनी इमरातों के केवल नाम बदले गए हैं। 
कितने विद्यालयों का विलय किया गया?
जून 2022 में द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की आरटीआई के जवाब में दिल्ली शिक्षा विभाग ने बताया कि पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार के 48 स्कूल मर्ज किए गए हैं। इनमें से 32 स्कूलों का विलय 2022-23 में हुआ और कुल 92 विद्यालयों को मर्ज करने की योजना है। (विलय किए स्कूलों के कुछ उदाहरण नीचे प्रस्तुत)
प्राथमिक कक्षाओं में कितना छात्र:शिक्षक अनुपात?
2021-22 में प्राथमिक कक्षाओं में 34 बच्चों पर एक शिक्षक जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम द्वारा निर्धारित कानूनी सीमा 30:1 है। हालांकि विभाग के स्कूलों में कुल छात्र:शिक्षक अनुपात 29:1 है, लेकिन यह संख्या इस वास्तविकता को उजागर नहीं करती कि हर स्कूल में अनेक शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामों के लिए तैनात किया जाता है। इसलिए कक्षाओं तक नहीं पहुँचने वाले शिक्षकों का अनुपात इससे कहीं ज़्यादा होता है। 
शिक्षकों के कितने पद खाली?   
2021-22 में ~20% शिक्षक ठेके पर कार्यरत।
प्रधानाचार्य/उप प्रधानाचार्य के कितने पद खाली?
2021-22 में कुल 2,594 स्वीकृत पदों में से ~50% पद खाली।
कितने बच्चों ने पढ़ाई पूरी करने से पहले स्कूल छोड़ा?
~300 स्कूलों से प्राप्त डाटा के आधार पर प्रजा रिपोर्ट का प्रक्षेपण बताता है कि 2020-21 में ~19.5 हज़ार बच्चों ने स्कूल छोड़ा। 
कितने बच्चों ने दसवीं/बारहवीं पूरी नहीं की?
2014-21 के बीच दिल्ली शिक्षा विभाग में पढ़ने वाले कक्षा 9 के 7.7 लाख छात्रों ने दसवीं नहीं की और कक्षा 11 के 2.27 लाख छात्रों ने बारहवीं नहीं की। यानी जितने बच्चे आज सरकारी स्कूलों में कक्षा IX-XII में पढ़ रहे हैं, करीब उतने ही बच्चे पिछले 5 सालों में कक्षा 9-12 छोड़ चुके हैं। यह संख्या ~9 लाख है।
एससी/ओबीसी पृष्ठभूमि के कितने छात्र नामांकित?
2021-22 में कक्षा IX-XII में केवल 22.7% विद्यार्थी एससी (15.3%), ओबीसी (7.2%) तथा एसटी (0.22%) वर्ग में नामांकित। इन आँकड़ों के अनुसार, दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 9-12 में एक-चौथाई से भी कम विद्यार्थी SC/ST/OBC (वंचित) जाति-समूहों से हैं, जबकि सच्चाई यह है कि जाति प्रमाण-पत्र न बनवा पाने के कारण अधिकतर बहुजन बच्चे स्कूलों में अदृश्य कर दिए जाते हैं और उन तक उनके हक़ नहीं पहुँचते।  
एससी/ओबीसी पृष्ठभूमि के कितने छात्रों को वजीफ़ा मिला?
9 ज़ोन से प्राप्त डाटा के अनुसार 2021-22 में केवल 10.3% एससी व 24.2% ओबीसी विद्यार्थियों को वजीफ़ा मिला।
कक्षा XI-XII के कितने छात्र विज्ञान विकल्प में नामांकित?
जून 2022 के डाटा के अनुसार दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा XI-XII में 78.2% छात्र आर्ट्स, 13.4% कॉमर्स और केवल 8.3% छात्र विज्ञान विकल्प में नामांकित थे। 0.06% छात्र वोकेशनल विकल्प में नामांकित। 'स्टेम' स्कूलों का ढोल पीटने वाली सरकार के 10% छात्र भी विज्ञान विकल्प नहीं चुन पा रहे।
वर्गानुसार कक्षा XI-XII के कितने छात्र विज्ञान विकल्प में नामांकित?
जून 2022 के डाटा अनुसार कक्षा XI-XII के एससी पृष्ठभूमि के 82.8% विद्यार्थी आर्ट्स, 10.5% कॉमर्स, 6.5% विज्ञान और 0.08% विद्यार्थी वोकेशनल विकल्प में नामांकित हैं। 
ओबीसी पृष्ठभूमि के 67.1% विद्यार्थी आर्ट्स, 16.5% विज्ञान, 16.2% कॉमर्स और 0.06% विद्यार्थी वोकेशनल विकल्प में नामांकित हैं।
एसटी पृष्ठभूमि के 66.5% छात्र आर्ट्स, 19.7% विद्यार्थी विज्ञान, 13.8% कॉमर्स और 0.00% वोकेशनल विकल्प में नामांकित हैं।  
प्रति छात्र बजट में क्या बदलाव?
2019 से 2021 के बीच प्रति छात्र बजट ~11.5 हज़ार घटा। दिल्ली शिक्षा विभाग ने प्रत्येक बच्चे पर किये जाने वाले खर्च का आकलन 2019-20 में 81,881 से घटाकर 2022-23 में 70,232 रु किया है।     
कुल शिक्षा बजट का कितना % खर्च?
2020-21 में कुल शिक्षा बजट का 75% खर्च किया गया।
क्या सभी विद्यार्थियों पर समान खर्च? 
नहीं, अलग-अलग सरकारी स्कूलों में प्रति छात्र बजट आवंटन में अंतर। 2022-23 में SOSE (विशिष्ट स्कूलों की परत) में एक स्टूडेंट पर ~1,61,000 रु खर्च करने का टारगेट, वहीं सामान्य विभागीय विद्यालयों में एक स्टूडेंट पर 70,000 रु खर्च करने का टारगेट यानी आधे से भी कम।
2022-23 के बजट की क्या प्राथमिकताएँ?
जहाँ विज्ञान व भूगोल लैब पर केवल 10 करोड़ खर्चा जाएगा वहीं सीसीटीवी का बजट 100 करोड़ है। जहाँ नई अधकचरी गैर-अकादमिक पाठ्यचर्याएँ, जैसे हैप्पीनेस, इएमसी, आदि का बजट 72 करोड़ है, वहीं लाखों बच्चों की किताबों पर केवल 140 करोड़ खर्चा जाएगा। छात्रों की स्वास्थ्य जाँच पर केवल 10 करोड़ खर्चने का मतलब है एक बच्चे के हिस्से में 55-60 रु की जाँच का खर्च वहन हो पाएगा। (बजट आवंटन की जानकारी नीचे प्रस्तुत)

एमसीडी के विद्यालयों की फैक्टशीट
कितने स्कूल, कितने छात्र?
2021-22 में कुल विद्यालयों की संख्या 1,661 और कुल विद्यार्थियों की संख्या 9,05,000 थी। पिछले 4 सालों में कुल छात्रों की संख्या 14% बढ़ी (1.4 लाख)।
कितने नए स्कूलों का निर्माण?
नौ सालों में 140 व बीते 4 में 49 एमसीडी स्कूल बंद हुए।
प्राथमिक कक्षाओं में कितना छात्र:शिक्षक अनुपात?
2021-22 में प्राथमिक कक्षाओं में 43 बच्चों पर एक शिक्षक जबकि शिक्षा अधिकार अधिनियम द्वारा निर्धारित कानूनी सीमा 30:1 है। 
कितने बच्चों ने पढ़ाई पूरी करने से पहले स्कूल छोड़ा?
2020-21 में ~35, 000 बच्चों ने स्कूल छोड़ा।
प्रति छात्र बजट में क्या बदलाव?
2019 से 2021 के बीच प्रति छात्र बजट ~30.5 हज़ार घटा। एमसीडी में प्रत्येक बच्चे पर 2019-20 में 59,664 खर्च करने का आकलन था वहीं 2022-23 में यह एस्टीमेट केवल 29,077 है यानी ~30.5 हज़ार रु कम।
कुल शिक्षा बजट का कितना % खर्च?
2020-21 में कुल शिक्षा बजट का 42% खर्च किया गया।
बजट की क्या प्राथमिकताएँ?
स्टूडेंट्स की संख्या की परवाह किये बिना, अधिकतर स्कूल में सिर्फ़ 1 सफ़ाई कर्मी; कोई IT कर्मचारी नहीं; नर्सरी व आया नहीं। कर्मचारियों के वेतन को लेकर निरंतर प्रदर्शन।

दिल्ली सरकार द्वारा मर्ज किए गए स्कूलों के उदाहरण :
अप्रैल '22
i. GGSSS in Pataudi House, Darya Ganj
ii. GGSSS in Kalan Mahal merged with SKV in Pataudi House
बाद के महीनों में '22
i. Sarvodaya (Co-Ed) Senior Secondary School, situated in South West Delhi’s Netaji Nagar, merged
ii. Shaheed Amir Chand Government Sarvodaya Vidyalaya, situated on Shamnath Marg near Kashmere Gate, with Civil Lines-located SBBM Government Sarvodaya Vidyalaya- SAC को खेल यूनिवर्सिटी का काम्प्लेक्स बनाया 
iii. Shakti Nagar Girls' School No 1 and Boys' School No 1 - गुणवत्ता व अनुशासन के नाम पर 
iv. Sarvodaya Vidyalaya in Netaji Nagar merged with Sarvodya Vidyalaya in RK Puram -
optimum use of resources. एनजीओ को दिया गया 
v. Government Boys' Senior Secondary School (GBSSS) in CR Park was merged with Govt. Sarvodaya Kanya Vidyalaya (Shyama Prasad Mukherjee) in CR Park
vi. GBSSS in Hari Nagar Ashram with Sarvodaya (Co-ed) in Hari Nagar Ashram
vii. Government Sarvodaya Vidyalaya (GSV) with Sarai Kale Khan
viii. Vidyut Nagar, with Sarvodaya Kanya Vidyalaya (SKV) with Hari Nagar Ashram
ix. GBSSS in Kalkaji with Government Girls Senior Secondary School No.3 in Kalkaji
x. GBSSS No.2 in Shahdara with GBSSS No.1
xi.GGSSS in Janta Flats, Nand Nagri with E-SKV, Nand Nagri
xii. GBSSS in Padam Nagar with SKV, Padam Nagar
xiii. GBSSS in New Jafrabad with GBSSS in Jafrabad Extension
xiv. GBSSS in Begumpur with SKV in MMTC/STC Colony, Begumpur
xv. GBSSS No.3 in Sector IV Dr Ambedkar Nagar with Sarvoday Kanya Vidyalaya in Dr Ambedkar Nagar
xvi. GGSSS in Sector IV, Dr Ambedkar Nagar with GGSSS in Tigri, Dr Ambedkar Nagar xvii. GBSSS No.1 in Dr Ambedkar Nagar with GGSSS in Dr Ambedkar Nagar
xviii. GBSSS in Khaira with GGSSS in Khaira
xix. GBSSS No. 3 in Palam Enclave with GGSSS No. 3 in Palam Enclave
xx. GBSSS No. 2 in Shakirpur with GGSSS No. 1 in Shakirpur
xxi. GBSSS No. 1 in Keshavpuram with SKV, Keshavpuram
xxii. GBSSS in D-Block, Sultanpuri with GGSSS in Sultanpuri;
xxiii. GBSSS Rani Bagh with GGSSS in Rani Bagh
xxiv. GBSSS in F-Block Inder Puri with SKV in F-Block Inder Puri

दिल्ली शिक्षा विभाग का 2022-23 का बजट आवंटन :
20,835 नए बनाए गए कमरे फंक्शनल करने के लिए - 600 करोड़ (26 नई बनाई इमारतों को फंक्शनल बनाने का टारगेट)
यूनिफार्म सब्सिडी - 230 करोड़
डिजिटल कक्षा बजट - 150 करोड़
किताबों - 140 करोड़
सीसीटीवी कैमरा बजट - 100 करोड़
SOSE - 100 करोड़ (2021-22 में 2,279 विद्यार्थी)
वोकेशनल शिक्षा (NSQF) - 87.76 करोड़ (2021-22 - ~1,40,000 विद्यार्थी) हैप्पीनेस, इएमसी, देशभक्ति पाठ्यचर्याएँ - 72 करोड़
समावेशी शिक्षा - 70 करोड़
एसएमसी फण्ड - 49 करोड़ 
खेल बजट - 40 करोड़
DBSE ऑनलाइन मूल्यांकन बजट - 25 करोड़
भूगोल/विज्ञान लैब - 10 करोड़
छात्रों की स्वास्थ्य जाँच -10 करोड़
वर्चुअल स्कूल - 10 करोड़
मेंटरिंग प्रोग्राम (DTU)- 5 करोड़
लड़कियों की आत्मरक्षा ट्रेनिंग - 2 करोड़
EWS प्रतिपूर्ति - 2022-23 बजट आवंटन में 250 करोड़ (2021-22 में केवल 67% EWS सीटें भर पाईं और 2022-23 में केवल 75% सीटें भरने का टारगेट) 

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