आज अशफाक-उल्लाह खान और राम प्रसाद बिस्मिल के शहादत दिवस पर छात्राओं के बनाये चित्रों ने उम्मीद बरकरार रखने का हौंसला दिया है। कक्षा तीन की सामाजिक अध्ययन की परीक्षा में एक सवाल के संदर्भ में छात्राओं को किसी एक प्रार्थना स्थल का चित्र बनाने को कहा गया था। परीक्षा में उपस्थित 37 छात्राओं में से पांच मुस्लिम पृष्ठभूमि से थीं और 32 हिन्दू पृष्ठभूमि से। उन 5 में से 3 ने मंदिर बनाया और 32 में से 4 ने चर्च, 4 ने मस्जिद, 7 ने मंदिर व चर्च का मिश्रित चित्र, 1 ने मंदिर व मस्जिद का मिश्रित चित्र व 1 ने मंदिर, मस्जिद व चर्च का मिश्रित चित्र बनाया। विद्यार्थियों द्वारा धार्मिक पहचान और प्रार्थना स्थलों की इस निश्छल अभिव्यक्ति ने शहादत के इस दिन के कौमी एकता के स्वरूप को एक अनूठा सलाम दिया।
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