दिल्ली के शिक्षा मंत्री को लोक शिक्षक मंच ने दिल्ली के सभी बच्चों के लिए बराबरी की शिक्षा व्यवस्था खड़ी करने की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण माँगें प्रस्तुत की ................... संपादक।
Øe lañ 07 /अप्रैल / 2015 fnukad % 26 / अप्रैल / 2015
प्रति
शिक्षा मंत्री
दिल्ली सरकार
दिल्ली
विषय : सभी बच्चों के लिए बराबरी की शिक्षा व्यवस्था खड़ी
करने की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण माँगें।
महोदय,
लोक शिक्षक मंच
शिक्षा के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों
का एक समूह है जोकि सरकारी शिक्षा व्यवस्था के मजबूतीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
जैसा कि आप जानते हैं, जनता की मूलभूत जरूरतों में शिक्षा भी एक महत्वपूर्ण घटक
है और केवल कानून में शिक्षा का अधिकार देना ही इस जरूरत को पूरा नहीं करता। इस मूलभूत
जरूरत के लिए आवश्यक है कि सभी बच्चों को पड़ोस के स्कूल
में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की पूरी व्यवस्था सरकार अपनी ज़िम्मेदारी समझ कर करे।
इस प्रतिबद्धता
को पूरा करने के संदर्भ में लोक शिक्षक मंच आपके
समक्ष निम्नांकित माँगें रखता है :
स्कूल के सुचारू ढंग से काम करने
से जुड़े बिंदु –
·
विद्यार्थियों के लिए जरूरी सभी
सुविधाओं को सत्र के आरंभ अर्थात अप्रैल के महीने में ही दे दिया जाए। इससे पूरे
वर्ष शैक्षणिक कार्य को प्रभावित होने से बचाया जा सकता
है।
·
दिल्ली के प्रत्येक विद्यालय में सफाई
कर्मियों की स्थायी नियुक्ति बच्चों की संख्या के अनुपात में की जाए|
·
सभी स्कूलों में
पर्याप्त संख्या में गैर-शैक्षणिक स्टाफ नियुक्त किया जाए ताकि शिक्षण से इतर ज़रूरी कामों के लिए विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान न हो|
सुचारू शिक्षण से जुड़े बिंदु –
·
शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों
से पूरी तरह से मुक्त किया जाए।
·
शिक्षकों को मध्याहन भोजन की ज़िम्मेदारी से पूर्णरूपेण मुक्त किया जाए और इसकी सभी तरह के निदेशन के
कार्य को विद्यालय प्रबंधन समिति को सौंपा जाए।
·
दिल्ली के प्रत्येक विद्यालय में विशेष अध्यापकों
की नियुक्ति की जाए जैसे CWSN शिक्षक, खेल, कला, संगीत आदि के अध्यापक और उन्हें अन्य कामों
में व्यस्त न रखा जाए|
बच्चों के अधिकारों से जुड़े बिंदु –
·
सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले प्रत्येक
बच्चे की ज़िम्मेदारी सरकार की है| इस हेतु हरेक बच्चे के लिए विद्यालय आने-जाने की मुफ्त व्यवस्था की जाए|
·
प्रत्येक स्कूल में हर स्ट्रीम व विषय उपलब्ध करवाया जाए और दसवीं के उपरांत सभी बच्चों को, बिना लैंगिक व वर्गीय भेदभाव के आधार पर दबाव बनाए, विभिन्न स्ट्रीम्स को पढ़ने के लिए समान रूप से प्रोत्साहित किया जाए।
स्कूलों की अकादमिक स्वायत्तता से जुड़े बिंदु –
·
विद्यालयों की स्वायत्तता का सम्मान किया जाए और उनके अकादमिक कैलंडर को
सत्ताधारी फरमानों के हस्तक्षेप से बाधित न किया जाए| पिछले सत्र में कई अवसरों (जैसे शिक्षक दिवस, गाँधी जयंती, क्रिसमस, स्वच्छ भारत अभियान) पर स्कूलों में अनुचित हस्तक्षेप किया गया जिससे कि स्कूलों
की गरिमा को ठेस पहुँची|
नीतियों से जुड़े बिंदु –
·
स्कूलों में ठेकाकरण को पूरी तरह से खत्म किया जाए और सभी
रिक्तियों को नियमित पदों से भरा जाए।
·
स्कूलों में शिक्षण सहित हर कार्य से एन.जी.ओ.
को दूर रखा जाए| हमारा अनुभव व
शोध बताते हैं कि शिक्षा को मुनाफा कमाने के लिए इस्तेमाल करने वाली ताक़तें एनजीओ के माध्यम से सरकारी शिक्षा
तंत्र को विफल साबित करने के प्रयास करती हैं जिससे कि शिक्षा के बाजारीकरण व निजीकरण के लिए ज़मीन
तैयार हो सके|
हम आशा करते हैं
कि उपरोक्त मांगों के संदर्भ में आप उचित व त्वरित कार्यवाही करेंगे।
सधन्यवाद
सदस्य,
संयोजक समिति सदस्य, संयोजक समिति सदस्य, संयोजक समिति
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